जय श्री नाथ जी
नाथद्वारा व आसपास
नाथद्वारा
श्रीनाथद्वारा राजस्थान के राजसमन्द जिले मैं स्थित है। श्रीनाथद्वारा पुष्टिमार्गीय वैष्णव सम्प्रदाय की प्रधान (प्रमुख) पीठ है। यहाँ नंदनंदन आनन्दकंद श्रीनाथजी का भव्य मन्दिर है जो करोडों वैष्णवो की आस्था का प्रमुख स्थल है, प्रतिवर्ष यहाँ देश-विदेश से लाखों वैष्णव श्रृद्धालु आते हैं जो यहाँ के प्रमुख उत्सवों का आनन्द उठा भावविभोर हो जाते हैं। नाथद्वार के निकट मावली रेल जंक्शन स्थित है। नाथद्वार में एक कृषि बाज़ार है तथा यहां राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध एक सरकारी महाविद्यालय है।
श्रीनाथजी का तकरीबन 337 वर्ष पुराना मन्दिर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित रोडवेज बस स्टेण्ड से मात्र 1 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। जहाँ से मन्दिर पहुँचने के लिए निर्धारित मूल्य पर (वर्तमान में प्रति व्यक्ति 5 रूपये) सार्वजनिक परिवहन ऑटो रिक्शा सेवा उपलब्ध है। श्रीनाथद्वारा दक्षिणी राजस्थान में 24/54 अक्षांश 73/48 रेखांश पर अरावली की सुरम्य उपत्यकाओं के मध्य विश्वप्रसिद्ध झीलों की नगरी उदयपुर से उत्तर में 48 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर स्थित है।
श्रीनाथद्वारा से
उत्तर :- श्रीनाथद्वारा के उत्तर में राजसमन्द (17) अजमेर (225) पुष्कर (240) जयपुर (385) देहली (625) प्रमुख शहर हैं।
दक्षिण :- श्रीनाथद्वारा के दक्षिण में उदयपुर (48) अहमदाबाद (300) बडौदा (450) सूरत (600) मुम्बई (800) स्थित हैं।
पूर्व :- श्रीनाथद्वारा के पूर्व में मंडियाणा ((रेल्वे स्टेशन (12)) मावली ((रेल्वे स्टेशन (28)) चित्तौडगढ (110) कोटा (180) स्थित हैं।
पश्चिम :- फालना (180) जोधपुर (225) स्थित हैं।
बस सेवा :- श्रीनाथद्वारा के उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम में स्थित सभी प्रमुख शहरों से सीधी बस सेवा उपलबध है।
ट्रेन सेवा :- श्रीनाथद्वारा के निकटवर्ती रेल्वे स्टेशन मावली (28) एवं उदयपुर (48) से देश के प्रमुख शहरों के लिए ट्रेन सेवा उपलब्ध है।
वायु सेवा :- श्रीनाथद्वारा के निकटवर्ती हवाई अड्डे डबोक (48) से देश के प्रमुख शहरों के लिए वायुयान सेवा उपलब्ध है।
श्रीनाथद्वारा एवं आसपास के दर्शनीय स्थल
1 श्रीविट्ठलनाथजी का मन्दिर एवं श्रीहरिरायमहाप्रभुजी की बैठकजी (मन्दिर के निकट पुष्टिमार्ग की प्रथम पीठ)
2 श्रीवनमालीलालजी का मन्दिर एवं मीरा मन्दिर (मन्दिर के निकट)
3 श्रीनाथजी की गौशाला (नाथूवास में, मन्दिर से 2 किमी दूर)
4 लालबाग एवं संग्रहालय (मन्दिर का बाग, 2 किमी दूर, राष्ट्रीय राजमार्ग पर)
5 श्रीगणेश टेकरी (प्रकृति की गोद में सुरम्य स्थली, जहाँ गणेशजी का सुन्दर मन्दिर है साथ ही सुर्यास्त का अलौकिक नजारा देखा जा सकता है।)
6 रामभोला यहाँ प्रकृति की छटा देखते ही बनती है। वर्षाकाल में झरने इत्यादि अनुपम छटा बिखेरते हैं।
5 गणगौर बाग
6 बनास नदी
7 कछुवायी बाग
8 गिरीराज पर्वत एवं महेश टेकरी
9 श्रीवल्लभ आश्रम
10 नन्दसमन्द बाँध (नाथद्वारा से 12 किमी दूर खमनोर ग्राम में)
11 हरिरायजी की बैठक
12 रक्त तलाई (इसी मैदानी क्षेत्र में महाराणा प्रताप एवं मुगल सेना का युद्ध हुआ और इतना रक्त बहा कि इस स्थान ने तलाई का रूप ले लिया।)
13 हल्दीघाटी विश्व प्रसिद्ध रण स्थली जहाँ महाराणा प्रताप और अकबर के बीच युद्ध हुआ था।
14 बाघेरी का नाका (मचिन्द) वृहद पेयजल परियोजना के अर्न्तगत बनास नदी पर बनाया गया सुन्दर बाँध हे
15 कोठारिया का गढ
16 रकमगढ का छापर - यहाँ अंग्रेजों और तांत्या तोपे के बीच ऐतिहासिक युद्ध हुआ था।
17 आयता की धूणी, मचीन्द की धूणी, करधर बावजी, भ्रमराज की धूणी, शिशोदा भैरूजी, वाकेराव बावजी मन्दिर मचिन्द
18 जय भैरुनाँथ बावजी का मँन्दिर नाथदुरा से (15 किमी दुर) शिशोदा भागल में है! शिशोदा में हर तीन साल बाद जय भैरुनाथ शिशोदा जग महोत्सव होतो है हजारा ताँदाद लोगो आते है
19 श्रीद्वारिकाधीश का मन्दिर
20 राजसमन्द झील
21 नौचौकी पाल
22 दयालशाह का किला
23 गायत्री शक्ति पीठ
24 अणुव्रत विश्वभारती भवन
25 रामेश्वर महादेव मन्दिर
2६ कुन्तेश्वर (फरारा) महादेव मन्दिर
C. कांकरोली (राजनगर या राजसमन्द 16 किमी दूरी पर)
D. श्रीचारभुजा का मन्दिर (मेवाड के प्रसिद्ध मन्दिरों एवं मेवाड के चारधाम में से एक मन्दिर गढबोर ग्राम में नाथद्वारा से 65 किमी दूर)
E. श्री रोकडिया हनुमान जी का मन्दिर (गढबोर ग्राम के निकट)
F. श्रीरूपनारायण जी का मन्दिर (दूरी 77 किमी)
G. कुम्भलगढ (55 किमी दूर विश्व प्रसिद्ध अजेय किला जिसका परकोटा 36 किलोमीटर के दायरे में फैला है। यहीं पर पास में वन्य जीव अभयानण्य भी है। प्रतिवर्ष हजारों देशी विदेशी पर्यटक यहाँ आते हैं।
H. परशुराम महादेव का मन्दिर (60 किमी दूर) भगवान परशुराम की तपस्या स्थली एवं महादेवजी का प्रसिद्ध मन्दिर
I. देलवाडा (22 किमी दूर) जैन मन्दिरों एवं पास ही नागदा ग्राम में सास बहु के मन्दिर दर्शनीय है।
J. श्री एकलिंगजी (कैलाशपुरी 28 किमी दूर) भगवान शिव का 8वीं शताब्दी का भव्य प्राचीन विश्व प्रसिद्ध मन्दिर एवु निकट ही बप्पा रावल पिकनिक स्थल
K. उदयपुर झीलों की नगरी और राजस्थान का कश्मीर (48 किमी दूर)1 राजमहल 2 जगदीश मन्दिर 3 पिछोला झील 4 लेक पेलेस 5 गुलाब बाग (वन्य जीव शाला) दूध तलाई 7 फतेहसागर झील 8 सौर वेधशाला (Solar Observatory) 9 मोती मगरी 10 नीमचमाता का मन्दिर 11 सहेलियों की बाडी (दर्शनीय सुन्दर बगीचा) 12 लोक कला मण्डल (कठपूतली शो Puppet Show) 13 शिल्पग्राम (राजस्थानी लोक कलाओं के लिए दर्शनीय स्थल
M. जयसमन्द झील एशिया की मीठे पानी की सबसे बडी झीलों में से एक।
श्रीनाथद्वारा के प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
श्रीनाथद्वारा में निम्न प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं।
1 प्रोफेसर श्री नारायणदास जी बागोरा
2 श्रीमतीसरस्वती देवी बागोरा
3 पंडित श्री रामचन्द्र जी बागोरा
4 पंडित श्री रघुनाथ जी पालीवाल
5 मास्टर श्री किशनलाल जी
6 श्री नरेन्द्रपालसिंह चौधरी
7 श्री मनोहर जी कोठारी
8 श्री रतनलाल जी पारीख
9 पंडित श्री राधाकृष्ण जी कटारा
10 श्री फतहलाल जी शर्मा बापू
11 श्री भेस्लाल जी पालीवाल महाराजा
12 श्री गोपालदास जी पोपट
श्रीनाथद्वारा के प्रमुख साहित्यकार एवं कवि
1 श्रीहरिरायजी महाप्रभु
2 श्री दामोदर जी शास्त्री
3 श्री कृष्णचन्द्रजी शास्त्री
4 श्री कज्जूलाल जी शास्त्री
5 प्रोफेसर श्री नारायणदास जी बागोरा
6 पंडित श्री भगवानदास जी सुमन
7 पंडित श्री रघुनाथ पालीवाल
8 श्री राजनारायण जी कपूर
9 श्री रतनलाल सनाढ्य रत्नेश
10 श्री गणेशलाल जी साँचीहर
11 पंडित श्री रामचन्द्र बागोरा
12 श्री राधाकृष्ण जी वैद्य
13 श्री पंडित राधाकृष्ण शर्मा
14 श्री मनोहर जी कोठारी
15 पंडित श्री रघुनन्दन त्रिपाठी
16 श्री नवनीत पालीवाल
17 कवि श्री घनश्याम
18 श्री भगवतीप्रसाद जी देवपुरा
19 श्री गिरीश जी पालीवाल विद्रोही
20 डॉ॰ सदाविश जी श्रोत्रिय
21 डॉ श्रीमती कमला मुखिया
22 श्री रघुनाथ चित्रेश
श्रीनाथद्वारा के प्रमुख राजनेता
1 पंडित श्री रघुनाथ जी पालीवाल
2 मास्टर श्री किशनलाल जी शर्मा
3 श्री गिरिधारीलाल जी सोनी
4 श्री रामचन्द्र जी बागोरा
5 श्री मनोहर जी कोठारी
6 श्री नवनीत जी पालीवाल
7 श्री नरेन्द्रपालसिंह चौधरी
8 डॉ सुश्री गिरिजा व्यास
9 श्री विजयसिंह झाला
10 श्री शिवदानसिंह जी चौहान
11 श्री कल्याणसिंह चौहान
12 श्री नवनीत जी स
१३ डा॓ सी पी जोशी
श्रीनाथद्वारा के प्रमुख ज्योतिषी
1 प्रोफेसर श्री नारायणदास जी बागोरा
2 पंडित श्री रामचन्द्र जी साँचीहर
3 पंडित श्री नारायण जी शास्त्री
4 पंडित श्री रामचन्द्र जी बागोरा
5 पंडित श्री रघुनन्दन जी त्रिपाठी
6 पंडित श्री अनिल कुमार पालीवाल
7 एडवोकेट पं॰ श्री भरत कुमार पालीवाल
मोटे अक्षर श्रीनाथद्वारा के प्रमुख शिक्षाविद
1 श्री सुन्दरलाल जी पालीवाल मुनीम
2 श्री भूदेवप्रसाद जी जोशी
3 श्री प्रभुदासजी वैरागी
4 श्री जयदेव जी गुर्जरगौड
5 श्री भगवतीप्रसाद जी देवपुरा
6 श्री दयाशंकर जी पालीवाल
7 डॉ॰ सदाविश जी श्रोत्रिय
8 डॉ॰ बी. एल. जोशी
9 श्री हरिश्चन्द्र जी जोशी रिटायर्ड शिक्षा उपनिदेशक
10 श्री घनश्याम जी दैया
11 श्री बालकृष्ण जी शर्मा
12 डॉ॰ ललित शंकर जी शर्मा
13 श्री हरि दास जी पारिख
14 श्री हरिनारायण डाबी
15 श्री विपिन गिरी जी गोस्वामी 16 Sh. CHATUR LAL SONI
श्रीनाथद्वारा में विशिष्ट योगदान करने वाले महानुभाव
1 श्री सौभागमल जी सिंघवी - नाथद्वारा के प्रथम आर0 ए0 एस0 अधिकारी 2.नाथद्वारा मूल के चिकित्सक (एलोपैथी) : डॉ भरत छापरवाल, डॉ राजेंद्र प्रसाद शर्मा, डॉ जुगल किशोर छापरवाल, डॉ जगदीश चंद्र शर्मा, डॉ विष्णु लखोटिया, डॉ राजेश छापरवाल, डॉ गिरिराज राठी, डॉ दीपक सेठी 3.नाथद्वारा क्षेत्र के अन्य चिकित्सक (एलोपैथी) : डॉ बाबूलाल कुमार, डॉ सतीश श्रीमाली, डॉ रामप्रसाद चावला, डॉ सरोज बहेडिया
श्रीनाथद्वारा की प्रमुख संस्थाएं
1 मंदिर मण्डल
2 विद्या विभाग मन्दिर मण्डल
3 संगीत शिक्षण संस्थान मोती महल
4 श्री साहित्य मण्डल
5 राष्ट्रीय विद्यापीठ
6 सरगम कला परिषद
7 रजत सेवा संस्थान
8 नवजाग़ति सेवा संस्थान
9 लोक अधिकार मंच
श्रीनाथद्वारा का प्रमुख अखबार
10. दिव्य शंखनाद
राजसमन्द जिला
राजस्थान का जिला
Ti koiela
श्रीनाथद्वारा राजस्थान के राजसमन्द जिले मैं स्थित है। श्रीनाथद्वारा पुष्टिमार्गीय वैष्णव सम्प्रदाय की प्रधान (प्रमुख) पीठ है। यहाँ नंदनंदन आनन्दकंद श्रीनाथजी का भव्य मन्दिर है जो करोडों वैष्णवो की आस्था का प्रमुख स्थल है, प्रतिवर्ष यहाँ देश-विदेश से लाखों वैष्णव श्रृद्धालु आते हैं जो यहाँ के प्रमुख उत्सवों का आनन्द उठा भावविभोर हो जाते हैं। नाथद्वार के निकट मावली रेल जंक्शन स्थित है। नाथद्वार में एक कृषि बाज़ार है तथा यहां राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध एक सरकारी महाविद्यालय है।
श्रीनाथजी का तकरीबन 337 वर्ष पुराना मन्दिर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित रोडवेज बस स्टेण्ड से मात्र 1 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। जहाँ से मन्दिर पहुँचने के लिए निर्धारित मूल्य पर (वर्तमान में प्रति व्यक्ति 5 रूपये) सार्वजनिक परिवहन ऑटो रिक्शा सेवा उपलब्ध है। श्रीनाथद्वारा दक्षिणी राजस्थान में 24/54 अक्षांश 73/48 रेखांश पर अरावली की सुरम्य उपत्यकाओं के मध्य विश्वप्रसिद्ध झीलों की नगरी उदयपुर से उत्तर में 48 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर स्थित है।
श्रीनाथद्वारा से
उत्तर :- श्रीनाथद्वारा के उत्तर में राजसमन्द (17) अजमेर (225) पुष्कर (240) जयपुर (385) देहली (625) प्रमुख शहर हैं।
दक्षिण :- श्रीनाथद्वारा के दक्षिण में उदयपुर (48) अहमदाबाद (300) बडौदा (450) सूरत (600) मुम्बई (800) स्थित हैं।
पूर्व :- श्रीनाथद्वारा के पूर्व में मंडियाणा ((रेल्वे स्टेशन (12)) मावली ((रेल्वे स्टेशन (28)) चित्तौडगढ (110) कोटा (180) स्थित हैं।
पश्चिम :- फालना (180) जोधपुर (225) स्थित हैं।
बस सेवा :- श्रीनाथद्वारा के उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम में स्थित सभी प्रमुख शहरों से सीधी बस सेवा उपलबध है।
ट्रेन सेवा :- श्रीनाथद्वारा के निकटवर्ती रेल्वे स्टेशन मावली (28) एवं उदयपुर (48) से देश के प्रमुख शहरों के लिए ट्रेन सेवा उपलब्ध है।
वायु सेवा :- श्रीनाथद्वारा के निकटवर्ती हवाई अड्डे डबोक (48) से देश के प्रमुख शहरों के लिए वायुयान सेवा उपलब्ध है।
श्रीनाथद्वारा एवं आसपास के दर्शनीय स्थल
1 श्रीविट्ठलनाथजी का मन्दिर एवं श्रीहरिरायमहाप्रभुजी की बैठकजी (मन्दिर के निकट पुष्टिमार्ग की प्रथम पीठ)
2 श्रीवनमालीलालजी का मन्दिर एवं मीरा मन्दिर (मन्दिर के निकट)
3 श्रीनाथजी की गौशाला (नाथूवास में, मन्दिर से 2 किमी दूर)
4 लालबाग एवं संग्रहालय (मन्दिर का बाग, 2 किमी दूर, राष्ट्रीय राजमार्ग पर)
5 श्रीगणेश टेकरी (प्रकृति की गोद में सुरम्य स्थली, जहाँ गणेशजी का सुन्दर मन्दिर है साथ ही सुर्यास्त का अलौकिक नजारा देखा जा सकता है।)
6 रामभोला यहाँ प्रकृति की छटा देखते ही बनती है। वर्षाकाल में झरने इत्यादि अनुपम छटा बिखेरते हैं।
5 गणगौर बाग
6 बनास नदी
7 कछुवायी बाग
8 गिरीराज पर्वत एवं महेश टेकरी
9 श्रीवल्लभ आश्रम
10 नन्दसमन्द बाँध (नाथद्वारा से 12 किमी दूर खमनोर ग्राम में)
11 हरिरायजी की बैठक
12 रक्त तलाई (इसी मैदानी क्षेत्र में महाराणा प्रताप एवं मुगल सेना का युद्ध हुआ और इतना रक्त बहा कि इस स्थान ने तलाई का रूप ले लिया।)
13 हल्दीघाटी विश्व प्रसिद्ध रण स्थली जहाँ महाराणा प्रताप और अकबर के बीच युद्ध हुआ था।
14 बाघेरी का नाका (मचिन्द) वृहद पेयजल परियोजना के अर्न्तगत बनास नदी पर बनाया गया सुन्दर बाँध हे
15 कोठारिया का गढ
16 रकमगढ का छापर - यहाँ अंग्रेजों और तांत्या तोपे के बीच ऐतिहासिक युद्ध हुआ था।
17 आयता की धूणी, मचीन्द की धूणी, करधर बावजी, भ्रमराज की धूणी, शिशोदा भैरूजी, वाकेराव बावजी मन्दिर मचिन्द
18 जय भैरुनाँथ बावजी का मँन्दिर नाथदुरा से (15 किमी दुर) शिशोदा भागल में है! शिशोदा में हर तीन साल बाद जय भैरुनाथ शिशोदा जग महोत्सव होतो है हजारा ताँदाद लोगो आते है
19 श्रीद्वारिकाधीश का मन्दिर
20 राजसमन्द झील
21 नौचौकी पाल
22 दयालशाह का किला
23 गायत्री शक्ति पीठ
24 अणुव्रत विश्वभारती भवन
25 रामेश्वर महादेव मन्दिर
2६ कुन्तेश्वर (फरारा) महादेव मन्दिर
C. कांकरोली (राजनगर या राजसमन्द 16 किमी दूरी पर)
D. श्रीचारभुजा का मन्दिर (मेवाड के प्रसिद्ध मन्दिरों एवं मेवाड के चारधाम में से एक मन्दिर गढबोर ग्राम में नाथद्वारा से 65 किमी दूर)
E. श्री रोकडिया हनुमान जी का मन्दिर (गढबोर ग्राम के निकट)
F. श्रीरूपनारायण जी का मन्दिर (दूरी 77 किमी)
G. कुम्भलगढ (55 किमी दूर विश्व प्रसिद्ध अजेय किला जिसका परकोटा 36 किलोमीटर के दायरे में फैला है। यहीं पर पास में वन्य जीव अभयानण्य भी है। प्रतिवर्ष हजारों देशी विदेशी पर्यटक यहाँ आते हैं।
H. परशुराम महादेव का मन्दिर (60 किमी दूर) भगवान परशुराम की तपस्या स्थली एवं महादेवजी का प्रसिद्ध मन्दिर
I. देलवाडा (22 किमी दूर) जैन मन्दिरों एवं पास ही नागदा ग्राम में सास बहु के मन्दिर दर्शनीय है।
J. श्री एकलिंगजी (कैलाशपुरी 28 किमी दूर) भगवान शिव का 8वीं शताब्दी का भव्य प्राचीन विश्व प्रसिद्ध मन्दिर एवु निकट ही बप्पा रावल पिकनिक स्थल
K. उदयपुर झीलों की नगरी और राजस्थान का कश्मीर (48 किमी दूर)1 राजमहल 2 जगदीश मन्दिर 3 पिछोला झील 4 लेक पेलेस 5 गुलाब बाग (वन्य जीव शाला) दूध तलाई 7 फतेहसागर झील 8 सौर वेधशाला (Solar Observatory) 9 मोती मगरी 10 नीमचमाता का मन्दिर 11 सहेलियों की बाडी (दर्शनीय सुन्दर बगीचा) 12 लोक कला मण्डल (कठपूतली शो Puppet Show) 13 शिल्पग्राम (राजस्थानी लोक कलाओं के लिए दर्शनीय स्थल
M. जयसमन्द झील एशिया की मीठे पानी की सबसे बडी झीलों में से एक।
श्रीनाथद्वारा के प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी
श्रीनाथद्वारा में निम्न प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं।
1 प्रोफेसर श्री नारायणदास जी बागोरा
2 श्रीमतीसरस्वती देवी बागोरा
3 पंडित श्री रामचन्द्र जी बागोरा
4 पंडित श्री रघुनाथ जी पालीवाल
5 मास्टर श्री किशनलाल जी
6 श्री नरेन्द्रपालसिंह चौधरी
7 श्री मनोहर जी कोठारी
8 श्री रतनलाल जी पारीख
9 पंडित श्री राधाकृष्ण जी कटारा
10 श्री फतहलाल जी शर्मा बापू
11 श्री भेस्लाल जी पालीवाल महाराजा
12 श्री गोपालदास जी पोपट
श्रीनाथद्वारा के प्रमुख साहित्यकार एवं कवि
1 श्रीहरिरायजी महाप्रभु
2 श्री दामोदर जी शास्त्री
3 श्री कृष्णचन्द्रजी शास्त्री
4 श्री कज्जूलाल जी शास्त्री
5 प्रोफेसर श्री नारायणदास जी बागोरा
6 पंडित श्री भगवानदास जी सुमन
7 पंडित श्री रघुनाथ पालीवाल
8 श्री राजनारायण जी कपूर
9 श्री रतनलाल सनाढ्य रत्नेश
10 श्री गणेशलाल जी साँचीहर
11 पंडित श्री रामचन्द्र बागोरा
12 श्री राधाकृष्ण जी वैद्य
13 श्री पंडित राधाकृष्ण शर्मा
14 श्री मनोहर जी कोठारी
15 पंडित श्री रघुनन्दन त्रिपाठी
16 श्री नवनीत पालीवाल
17 कवि श्री घनश्याम
18 श्री भगवतीप्रसाद जी देवपुरा
19 श्री गिरीश जी पालीवाल विद्रोही
20 डॉ॰ सदाविश जी श्रोत्रिय
21 डॉ श्रीमती कमला मुखिया
22 श्री रघुनाथ चित्रेश
श्रीनाथद्वारा के प्रमुख राजनेता
1 पंडित श्री रघुनाथ जी पालीवाल
2 मास्टर श्री किशनलाल जी शर्मा
3 श्री गिरिधारीलाल जी सोनी
4 श्री रामचन्द्र जी बागोरा
5 श्री मनोहर जी कोठारी
6 श्री नवनीत जी पालीवाल
7 श्री नरेन्द्रपालसिंह चौधरी
8 डॉ सुश्री गिरिजा व्यास
9 श्री विजयसिंह झाला
10 श्री शिवदानसिंह जी चौहान
11 श्री कल्याणसिंह चौहान
12 श्री नवनीत जी स
१३ डा॓ सी पी जोशी
श्रीनाथद्वारा के प्रमुख ज्योतिषी
1 प्रोफेसर श्री नारायणदास जी बागोरा
2 पंडित श्री रामचन्द्र जी साँचीहर
3 पंडित श्री नारायण जी शास्त्री
4 पंडित श्री रामचन्द्र जी बागोरा
5 पंडित श्री रघुनन्दन जी त्रिपाठी
6 पंडित श्री अनिल कुमार पालीवाल
7 एडवोकेट पं॰ श्री भरत कुमार पालीवाल
मोटे अक्षर श्रीनाथद्वारा के प्रमुख शिक्षाविद
1 श्री सुन्दरलाल जी पालीवाल मुनीम
2 श्री भूदेवप्रसाद जी जोशी
3 श्री प्रभुदासजी वैरागी
4 श्री जयदेव जी गुर्जरगौड
5 श्री भगवतीप्रसाद जी देवपुरा
6 श्री दयाशंकर जी पालीवाल
7 डॉ॰ सदाविश जी श्रोत्रिय
8 डॉ॰ बी. एल. जोशी
9 श्री हरिश्चन्द्र जी जोशी रिटायर्ड शिक्षा उपनिदेशक
10 श्री घनश्याम जी दैया
11 श्री बालकृष्ण जी शर्मा
12 डॉ॰ ललित शंकर जी शर्मा
13 श्री हरि दास जी पारिख
14 श्री हरिनारायण डाबी
15 श्री विपिन गिरी जी गोस्वामी 16 Sh. CHATUR LAL SONI
श्रीनाथद्वारा में विशिष्ट योगदान करने वाले महानुभाव
1 श्री सौभागमल जी सिंघवी - नाथद्वारा के प्रथम आर0 ए0 एस0 अधिकारी 2.नाथद्वारा मूल के चिकित्सक (एलोपैथी) : डॉ भरत छापरवाल, डॉ राजेंद्र प्रसाद शर्मा, डॉ जुगल किशोर छापरवाल, डॉ जगदीश चंद्र शर्मा, डॉ विष्णु लखोटिया, डॉ राजेश छापरवाल, डॉ गिरिराज राठी, डॉ दीपक सेठी 3.नाथद्वारा क्षेत्र के अन्य चिकित्सक (एलोपैथी) : डॉ बाबूलाल कुमार, डॉ सतीश श्रीमाली, डॉ रामप्रसाद चावला, डॉ सरोज बहेडिया
श्रीनाथद्वारा की प्रमुख संस्थाएं
1 मंदिर मण्डल
2 विद्या विभाग मन्दिर मण्डल
3 संगीत शिक्षण संस्थान मोती महल
4 श्री साहित्य मण्डल
5 राष्ट्रीय विद्यापीठ
6 सरगम कला परिषद
7 रजत सेवा संस्थान
8 नवजाग़ति सेवा संस्थान
9 लोक अधिकार मंच
श्रीनाथद्वारा का प्रमुख अखबार
10. दिव्य शंखनाद
राजसमन्द जिला
राजस्थान का जिला
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Jashwant singh
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